गुरदासपुर से पकड़े गए जासूसों ने किए बड़े खुलासे: पंजाब को रहना होगा सतर्क

भारत और पाकिस्तान में तनाव के बीच पंजाब और हरियाणा से कई जासूस पकड़े जा रहे हैं।इन जासूसों से पूछताछ में सामने आया है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने सरहदी इलाकों में अपना जाल फैलाया हुआ है।

चंडीगढ़ ऑपरेशन सिंदूर के बाद से लगातार पंजाब, हरियाणा व अन्य राज्यों से जासूस पकड़े जा रहे हैं। कई यूट्यूबर और ट्रैवल ब्लॉगर भी सोशल मीडिया चैनलों के माध्यम से जासूसी को अंजाम दे रहे थे। इस बीच पंजाब पुलिस द्वारा गुरदासपुर में पकड़े दो जासूसों सुखप्रीत सिंह और करनबीर सिंह से की गई पूछताछ में कई बड़े खुलासे हुए हैं।

राज्य पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जासूसों का यह नेटवर्क जम्मू तक फैला हुआ है, जिसे सीधे तौर पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ऑपरेट कर रही है। आईएसआई अपने हैंडलरों और एजेंटों के जरिये जासूस तैयार कर रही है। गुरदासपुर के जासूसों ने कबूल किया है कि सरहदी इलाके में 11 से 12 जासूस इस नेटवर्क से जुड़े हुए हैं। पंजाब पुलिस ने इन जासूसों से जुड़े कुछ इनपुट हासिल किए हैं।  पंजाब, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश तक फैले जासूसों के इस नेटवर्क पर केंद्रीय एजेंसियों के सहयोग के साथ अब जाॅइंट ऑपरेशन किया जा रहा है।

एनआईए के अधिकारियों की बॉर्डर बेल्ट पर निगरानी

एनआईए दिल्ली के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आईएसआई ने विशेषकर जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान में जासूसों के नेटवर्क को फैलाना शुरू कर दिया है। इनके जरिए अब सैन्य ठिकानों, धार्मिक स्थलों के इनपुट जुटाए जा रहे हैं। एनआईए के अधिकारी ने बताया कि बीते दिनों पठानकोट में देखे गए दो संदिग्ध लोगों की जम्मू में जेएंडके पुलिस की मुठभेड़ में मौत हो गई थी, यह दोनों भी आईएसआई के जासूसी नेटवर्क का हिस्सा थे।

ड्रग्स और पैसों का लालच देकर कराई जा रही जासूसी

डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि गुरदासपुर में पकड़े गए दोनों जासूसों को आईएसआई हैंडलरों ने पैसों का लालच देकर जोड़ा था। दोनों से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि जिन गांवों में ड्रग्स की समस्या है, वहां के युवाओं को मुफ्त में नशा देकर देशविरोधी काम करवाए जा रहे हैं। डीजीपी ने कहा कि सरहदी इलाके के गांवों में पुलिस युवाओं को जागरूक कर रही है जिसमें विलेज डिफेंस कमेटियों और ग्राम पंचायतों की भी मदद ली जा रही है ताकि उन्हें आईएसआई की कठपुतली बनने से बचाया जा सके।

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