पंजाब के 12 जिले बाढ़ की चपेट में हैं। इनमें अमृतसर, गुरदासपुर, मोगा, पठानकोट, तरनतारन, फिरोजपुर, होशियारपुर, पटियाला, मोहाली, कपूरथला, जालंधर और लुधियाना शामिल हैं। जालंधर के लिए भी अलर्ट जारी किया गया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक 1312 गांव प्रभावित हो चुके हैं। आज भी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी है। वहीं, भाखड़ा का जलस्तर खतरे के निशान से मात्र तीन फीट नीचे रह गया है।

सोमवार रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से फोन पर बात की और केंद्र की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि इतनी बड़ी तबाही को देखते हुए सरकार को मिशन मोड में काम करना चाहिए ताकि किसानों, मजदूरों, पशुपालकों और आम लोगों को तुरंत मदद मिल सके। वहीं CM भगवंत मान ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए एक हाई लेवल मीटिंग बुलाई है। इसमें बाढ़ प्रबंधन को लेकर फैसले लिए जाएंगे। इसके साथ ही कैबिनेट मिनिस्टर डॉ. रवजोत सिंह ने अपने एक पूरे साल का वेतन दान दे दिया है। रूपनगर के श्री आनंदपुर साहिब क्षेत्र में नंगल भाखड़ा फीडर नहर 12 जगह से धंस गई है। मंत्री हरजोत बैंस ने खुद मौके पर पहुंचकर लोगों के साथ राहत बचाव कार्य शुरू किया।
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वित्त मंत्री ने मांगे 60 हजार करोड़
पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने केंद्र सरकार से 60 हजार करोड़ रुपए जारी करने की मांग की है। चीमा ने कहा कि पंजाब दशकों की सबसे भीषण बाढ़ आपदा का सामना कर रहा है, जिससे लगभग 1,300 गांव प्रभावित हुए हैं और लाखों लोग संकट में हैं। बारिश और बांधों से छोड़े गए पानी के कारण गुरदासपुर, कपूरथला, अमृतसर, पठानकोट, फिरोजपुर, फाजिल्का और होशियारपुर जिलों में बाढ़ का कहर जारी है।
लगभग तीन लाख एकड़ कृषि भूमि, खासकर धान की फसल, पानी में डूबी हुई है, जिसके चलते कटाई से कुछ सप्ताह पहले ही किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है। इसके साथ ही, पशुधन की बड़े पैमाने पर हुई मौतों ने ग्रामीण परिवारों को गहरा आर्थिक झटका दिया है।
भाखड़ा का जलस्तर फिर बढ़ा भाखड़ा डैम
पिछले 24 घंटों में जलस्तर में तेज़ी से वृद्धि हुई है, जो 2.40 फीट तक बढ़ गया है। सोमवार सुबह, जलस्तर 1675.08 फीट तक पहुंच गया, जो अधिकतम सीमा 1680 फीट से केवल 5 फीट नीचे है। सतलुज नदी से पानी की आवक 1.9 लाख क्यूसेक तक पहुंच गई है, जो पिछले कई दिनों की तुलना में तीन गुना अधिक है। पानी की निकासी लगभग 53,000 क्यूसेक रही, लेकिन आवक निकासी से कहीं अधिक होने के कारण जलस्तर में तेजी से वृद्धि हुई है।
पोंग डैम: डैम की अधिकतम सीमा 1390 फीट है। पिछले सप्ताह, जलस्तर बढ़कर 1394 फीट तक पहुंच गया था। हालांकि, सोमवार को जलस्तर थोड़ा घटकर 1390.36 फीट रहा। इस दौरान, निकासी करीब 1.1 लाख क्यूसेक दर्ज की गई।
रणजीत सागर डैम: पिछले सप्ताह खतरे के निशान को पार कर चुका था और अभी भी गंभीर स्थिति में है।


