पंजाब के सभी 23 जिले बाढ़ की चपेट, स्कूल-कॉलेज 7 तक बंद : सतलुज ओवरफ्लो, घग्गर डेंजर लेवल पर

पंजाब के सभी 23 जिले बाढ़ की चपेट में हैं। जिसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने पूरे राज्य को आपदा प्रभावित घोषित कर दिया है। मुख्य सचिव केएपी सिन्हा के पत्र के तहत सभी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्कूल और कॉलेजों में छुट्टियां भी सात सितंबर तक बढ़ा दी गई हैं। वहीं, जालंधर में सतलुज नदी के ओवरफ्लो होने के कारण जिले के करीब 30 गांवों में पानी घुस गया है। घग्गर नदी डेंजर लेवल के करीब पहुंच चुकी है जिसके कारण पटियाला और संगरूर जिले में अलर्ट जारी कर दिया गया है। प्रदेश के खराब हालात को देखते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान कल गुरुवार को प्रदेश दौरे पर आएंगे, ये जानकारी उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा की। इसके साथ ही आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल आज पंजाब दौरे पर आने वाले हैं। यहां पर वह बाढ़ से बिगड़े हालातों और चल रहे राहत बचाव कार्यों का जायजा लेंगे।

जालंधर में सुबह के वक्त बारिश के कारण एक घर गिर गया, घग्गर नदी में उफान के चलते कई गांवों में पानी घुस गया है। - Dainik Bhaskar
जालंधर में सुबह के वक्त बारिश के कारण एक घर गिर गया, घग्गर नदी में उफान के चलते कई गांवों में पानी घुस गया है।

आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने अपने सांसद निधि से 3.25 करोड़ रुपए बाढ़ सुरक्षा और राहत कार्यों के लिए जारी करने की घोषणा की है। वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रभावित किसानों और परिवारों के लिए तुरंत राहत पैकेज की मांग की है। आज सुबह जालंधर के बस्ती शेख इलाके में एक घर गिर गया। घर में रहने वाला व्यक्ति बाहर होने के कारण सुरक्षित रहा, लेकिन घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। बीती रात बरनाला में रुक रुक कर हो रही बारिश के बीच एक मकान गिर गया, जिसके कारण पति-पत्नी की मौत हो गई।

न्यू चंडीगढ़ के मुल्लांपुर गरीब दास में तेज बारिश में एक घर की दीवार गिर गई। हादसे में एक कार क्षतिग्रस्त हुई है।
न्यू चंडीगढ़ के मुल्लांपुर गरीब दास में तेज बारिश में एक घर की दीवार गिर गई। हादसे में एक कार क्षतिग्रस्त हुई है।
चंडीगढ़ के कुछ इलाकों तेज बारिश हुई है। इस वजह से पंजाब के कई इलाकों में सुखना का जल स्तर बढ़ गया है।
चंडीगढ़ के कुछ इलाकों तेज बारिश हुई है। इस वजह से पंजाब के कई इलाकों में सुखना का जल स्तर बढ़ गया है।
पठानकोट में चक्की पुल के पास से एयरपोर्ट की तरफ जाने की वाली सड़क को नुकसान पहुंचा है।
पठानकोट में चक्की पुल के पास से एयरपोर्ट की तरफ जाने की वाली सड़क को नुकसान पहुंचा है।
न्यू चंडीगढ़ के साथ लगते मुल्लांपुर में जयंती माजरी में बाढ़ में सड़क बह गई। लोग खुद ही पुली निर्माण में जुटे हैं।
न्यू चंडीगढ़ के साथ लगते मुल्लांपुर में जयंती माजरी में बाढ़ में सड़क बह गई। लोग खुद ही पुली निर्माण में जुटे हैं।
मंड क्षेत्र में बाढ़ में फंसे परिवारों के लिए सुबह खाना लेकर पहुंचीं समाज सेवी संस्थाएं।
मंड क्षेत्र में बाढ़ में फंसे परिवारों के लिए सुबह खाना लेकर पहुंचीं समाज सेवी संस्थाएं।
  • 23 जिलों पर असर: अमृतसर से लेकर तरनतारन तक 23 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। इनमें बरनाला, बठिंडा, फरीदकोट, फतेहगढ़ साहिब, फिरोजपुर, फाजिल्का, गुरदासपुर, होशियारपुर, जालंधर, कपूरथला, लुधियाना, मलेरकोटला, मानसा, मोगा, पठानकोट, पटियाला, रोपड़, नवांशहर, मोहाली, संगरूर और मुक्तसर शामिल हैं।
  • 1400 गांव डूबे: राज्य के करीब 1400 गांव पानी की मार झेल रहे हैं। अकेले गुरदासपुर के 324 गांव डूबे हैं, जबकि अमृतसर के 135, बरनाला के 134, होशियारपुर के 119 और कपूरथला के 115 गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। बाकी जिलों में भी दर्जनों गांव बाढ़ से घिरे हैं।
  • 3.5 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित: गुरदासपुर में 1.45 लाख और अमृतसर में 1.17 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। फिरोजपुर, फाजिल्का और पठानकोट में भी हजारों की संख्या में लोग संकट झेल रहे हैं। मोहाली, कपूरथला और बाकी जिलों में मिलाकर अब तक कुल साढ़े तीन लाख से अधिक आबादी प्रभावित हुई है।
  • 30 की मौत, 3 लापता: अब तक 30 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। पठानकोट में सबसे ज्यादा 6 लोग जान गंवा चुके हैं, जबकि लुधियाना में 4 मौतें हुईं। अमृतसर, बरनाला, मानसा, रूपनगर और होशियारपुर में तीन-तीन मौतें दर्ज हुई हैं। बठिंडा, गुरदासपुर, पटियाला, मोहाली और संगरूर में एक-एक व्यक्ति की जान गई है। इसके अलावा तीन लोग अभी भी लापता हैं।
चमकौर साहिब में देर रात भी बाढ़ प्रभावित एरिया में बचाव कार्य चलता रहा।
चमकौर साहिब में देर रात भी बाढ़ प्रभावित एरिया में बचाव कार्य चलता रहा।

पंजाब के मुख्य सचिव केएपी सिन्हा ने एक आधिकारिक पत्र जारी कर पूरे राज्य को आपदा प्रभावित घोषित कर दिया है। पत्र में बताया गया है कि लगातार बारिश और डैम से पानी छोड़े जाने के कारण राज्य के 1200 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में हैं और लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। उन्होंने अधिकारियों और विभागों को पत्र में 6 निर्देश भी दिए हैं…

पंजाब में डैमों की स्थिति…

  • पोंग डैम: बुधवार सुबह 6 बजे पोंग डैम का जलस्तर 1393.19 फीट दर्ज किया गया। डैम में पानी की आवक 1,60,183 क्यूसेक है, जबकि पानी का निकास 79,837 क्यूसेक किया जा रहा है। वर्तमान में डैम में पानी आने की गति, निकासी की तुलना में लगभग दोगुनी है। इससे डैम में लगातार जलस्तर बढ़ने की स्थिति बनी हुई है।
  • भाखड़ा डैम: बुधवार सुबह 6 बजे भाखड़ा डैम का जलस्तर 1677.84 फीट दर्ज किया गया। डैम में पानी की आवक 86,822 क्यूसेक है, जबकि निकास 65,042 क्यूसेक किया जा रहा है। आवक और निकासी में अंतर होने से जलस्तर धीरे-धीरे बढ़ने की संभावना बनी हुई है, हालांकि फिलहाल यह खतरे के निशान से कुछ फीट नीचे है।
  • हरिके हेडवर्क्स: बुधवार सुबह 6 बजे हरिके हेडवर्क्स पर तालाब (पॉन्ड) का जलस्तर 686.50 फीट रहा। यहां ऊपर से आने वाला पानी 3,35,030 क्यूसेक दर्ज किया गया। इनमें से 4,930 क्यूसेक पानी फिरोजपुर फीडर में, 11,791 क्यूसेक राजस्थान फीडर में और 150 क्यूसेक माखू नहर में छोड़ा गया। शेष 3,18,159 क्यूसेक पानी डाउनस्ट्रीम की ओर बहा। इससे संकेत मिलता है कि अधिकांश पानी सीधे आगे की ओर प्रवाहित हो रहा है।
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