सभी दूध विक्रेताओं का कुल 20 लाख रुपए से ज्यादा की राशि का भुगतान होना बाकी है, मगर विभाग इसे लेकर कोई भी ठोस कदम नहीं उठा रहा, जिसके चलते उन्होंने आज ऑफिस के बाहर दूध गिराकर प्रदर्शन किया और सरकार से गुहार लगाई कि उनकी मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए।
इलेक्शन के चलते दूध विक्रेताओं को नहीं मिले पैसे
दूध विक्रेता सरदूल सिंह ने कहा कि उनके गांव जंग-ए-सराय में वेरका की रजिस्टर्ड सोसाइटी है। यह सोसाइटी 1980 से गांव में चलती आ रही है। पिछले अगस्त में कमेटी की टेन्योर खत्म होने पर 3 महीने के बीच में इलेक्शन करवानी होती है।
लेकिन 7 महीने बीत चुके हैं, पॉलिटिकल प्रेशर और अफसर की दखलंदाजी के कारण अभी तक चुनाव नहीं हो पाए हैं। इसके बाद 21 मार्च को इलेक्शन करवाई गई, इलेक्शन करवाने के बाद डीआर की तरफ से स्टे दे दिया गया है। इसके बाद उन्होंने अफसर से मिलाकर कहा कि जो कानून है उसके हिसाब से चलिए, लेकिन जो दूध उत्पादकों की पेमेंट है, वह उन्हें दे दीजिए।
11 अप्रैल को डीआर की तरफ से आश्वासन दिया गया था कि पेमेंट दे दी जाएगी, लेकिन अभी तक कोई भी पेमेंट नहीं दी गई है। इलेक्शन के कारण दूध विक्रेताओं को उनके पैसे नहीं मिल पा रहे थे। इसी के कारण दूध उत्पादकों ने परेशान होकर डायरी से लाया हुआ दूध ऑफिस के बाहर जमीन पर गिरा दिया गया और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया गया।


