फेमस शो कौन बनेगा करोड़पति में जालंधर का कारपेंटर बना लखपति: जीते 50 लाख, बच्चों की पढ़ाई-पत्नी की ख्वाहिशों को पूरा करेंगे

जालंधर । परिवार की खुशियां, बच्चों की पढ़ाई और पत्नी की ख्वाहिशें पूरा करने की ललक ने जालंधर के छिंदर पाल को लखपति बना दिया। 18 सितंबर को टीवी के फेमस शो कौन बनेगा करोड़पति 17 की शुरुआत रोलओवर प्रतियोगिता जालंधर के लांबड़ा के रहने वाले छिंदरपाल से हुई। उन्होंने बहुत ही अच्छे सवालों के जवाब दिए और 50 लाख रुपये जीत लिए। उन्होंने एक करोड़ के सवाल पर खेल छोड़ दिया और 50 लाख रुपये लेकर घर लौट आए। छिंदरपाल के कुछ सपने थे और उन्हें पूरा करने की चाहत उन्हें कौन बनेगा करोड़पति के मंच पर ले आई। अमिताभ बच्चन भी उनसे काफी प्रभावित हुए। उन्होंने कहा कि आपकी जो सोच है हमेशा हमारे दिलों में रहेगी।

छिंदरपाल की जीत से हुसैनपुर गांव में खुशी का माहौल बन गया। अमिताभ बच्चन ने एपिसोड की शुरुआत छिन्दरपाल से 7.50 लाख रुपये का 11वां सवाल पूछकर की।सवाल था कि भारतीय भिक्षु बोधिधर्म के इतिहास से जुड़ी इनमें से कौन सी चीजें 2025 में नरेंद्र मोदी की जापान यात्रा के दौरान भेंट की गई? छिन्दरपाल ने इसका सही जवाब दिया। इसके बाद उन्होंने बिना किसी लाइफ लाइन का इस्तेमाल किए 12.50 लाख रुपये का भी सही जवाब दिया।

एक करोड़ के सवाल पर छोड़ा खेल

25 लाख की इनामी राशि के लिए पूछे गए सवाल पर छिन्दरपाल को दो लाइफ लाइन का इस्तेमाल करना पड़ा। खुशकिस्मती से, उन्होंने सही जवाब देने में उसकी मदद की। फिर 50 लाख के सवाल के लिए छिन्दरपाल ने बिना किसी लाइफ लाइन का इस्तेमाल किए सही जवाब दिया। एक करोड़ जीतने के लिए सवाल था। भारत के महान त्रिकोणमिति सर्वेक्षण के प्रमुख बनने से पहले, जॉर्ज एवरेस्ट ने 1814 से 1816 तक इनमें से किस द्वीप का सर्वेक्षण किया था? इसके चार विकल्प थे -जेजू, जमैका, जर्सी और जावा। छिन्दरपाल इस सवाल का जवाब काफी देर तक सोचते रहे। अंत में उन्होंने खेल छोड़ दिया।

शादियों में फेंके पैसे भी उठाए

छिंदर पाल ने बताया कि उसकी हालत ठीक नहीं थी। 600 से 700 रुपये मजदूरी मिलती थी। जिससे ना तो ठीक से बच्चों को पढ़ा पा रहा था और ना ही पत्नी की ख्वाहिशों को पूरा कर पा रहा था। लेकिन पत्नी ने कभी साथ नहीं छोड़ा। वह तीन पीढ़ी से कारपेंटर का काम कर रहे हैं। एक दिन किसी के घर में काम के लिए गया तो वहां पानी मांगा। उसे टूटी से पानी पीने के लिए कहा गया जहां वह बर्तन धोते थे, तब बहुत बुरा लगा। शादियों में डीजे फ्लोर पर गिरने वाले पैसे भी उठाए पर जिंदगी का स्तर कैसे उठाऊं, यह समझ नहीं आ रहा था।

उसने केबीसी देखना शुरू किया और धीरे-धीरे सामान्य ज्ञान और पढ़ाई पर फोकस किया। वह बच्चों के लिए कुछ भी कर सकता था। आखिरकार पत्नी रेनू बाला का विश्वास केबीसी के सेट तक ले आया। जब पहले दिन 5 लाख रुपये जीता तो बच्चों का भविष्य सुरक्षित दिखाई दिया। उसका बड़ा बेटा विराट कौल क्रिकेट और छोटा बेटा आरव कौल फुटबॉल खेलना चाहता है। अब वह उन्हें अच्छी अकादमी में डाल देगा। छिन्दरपाल ने कहा कि ये मेरी पत्नी का विश्वास है जो मैं सब कुछ कर पाया।

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