पाकिस्तान में श्रद्धालुओं के लिए खुला गुरुद्वारा करतारपुर साहिब : केंद्र सरकार ने नहीं लिया कॉरिडोर खोलने पर फैसला; पंजाब-सिख संगठनों में नाराजगी

अमृतसर  पाकिस्तान के नारोवाल जिले में स्थित गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब को हाल ही में आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है। लेकिन भारतीय सिख श्रद्धालु अभी भी इस पवित्र स्थल तक नहीं पहुंच पाएंगे। केंद्र सरकार की ओर से कॉरिडोर खोलने पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है, जिसके चलते पंजाब और सिख संगठनों की नाराजगी बढ़ती जा रही है।

पंजाब प्रांत में हाल ही में आई बाढ़ के दौरान करतारपुर साहिब परिसर में करीब 11 फीट तक पानी भर गया। इस वजह से गुरुद्वारा साहिब को बंद करना पड़ा। पानी उतरने के बाद मरम्मत और सफाई कार्य पूरे कर लिए गए और अब पाकिस्तान तथा विदेशों से आए श्रद्धालुओं को यहां दर्शन की अनुमति दे दी गई है। हालांकि भारतीय श्रद्धालु पहले से ही यहां नहीं जा पा रहे थे, क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कॉरिडोर को बंद कर दिया गया था।

ज्योतिजोत दिवस के अवसर पर आयोजन

श्री करतारपुर साहिब के हेड ग्रंथी गोबिंद सिंह ने जानकारी दी कि गुरु नानक देव जी का 486वां ज्योतिजोत दिवस यहां श्रद्धा और धूमधाम से मनाया जा रहा है। 20 सितंबर से अखंड पाठ साहिब की शुरुआत की गई थी और 22 सितंबर को इसका भोग डाला जाएगा। उन्होंने बताया कि बाढ़ से परिसर को काफी नुकसान हुआ था, लेकिन अब हालात सामान्य हो चुके हैं और श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। उन्होंने पाकिस्तान के मुस्लिम समुदाय के लोगों को भी आकर दर्शन करने की अपील की है।

पंजाब और सिख संगठनों की मांग तेज

केंद्र सरकार से कॉरिडोर को तुरंत खोलने की मांग लगातार उठ रही है। खासतौर पर हाल ही में हुए भारत-पाकिस्तान एशिया कप क्रिकेट मैच के बाद इस मुद्दे ने और जोर पकड़ लिया है। संगठनों और नेताओं का कहना है कि जब दोनों देशों के बीच क्रिकेट खेला जा सकता है, तो श्रद्धालुओं की धार्मिक यात्राओं पर रोक क्यों है।

अकाली दल वारिस पंजाब दे (अमृतपाल सिंह समूह) के पार्टी प्रवक्ता ईमान सिंह खारा ने कहा, “भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच हो सकते हैं, तो करतारपुर कॉरिडोर बंद रखना और सिख श्रद्धालुओं को अपने धार्मिक स्थल तक न जाने देना बिल्कुल ठीक नहीं है।” उन्होंने आगे कहा कि सीमा पर अटारी बार्डर खोलने और क्रॉस बॉर्डर व्यापार शुरू करने से न केवल कारोबारी वर्ग को राहत मिलेगी बल्कि क्षेत्रीय विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।

आप विधायक डेरा बाबा नानक गुरदीप सिंह रंधावा ने केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान को उनकी यात्रा के दौरान एक ज्ञापन सौंपकर करतारपुर कॉरिडोर की मरम्मत और तुरंत खोलने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि बाढ़ से कॉरिडोर को काफी नुकसान हुआ है और इसकी दुरुस्ती जरूरी है।

कांग्रेस नेता और पंजाब के पूर्व सेहत मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर करतारपुर कॉरिडोर खोलने और सिख जत्थे को गुरु नानक देव जी के प्रकाश गुरपुरब पर ननकाना साहिब भेजने की अनुमति देने की अपील की। उन्होंने कहा था कि हर साल नवंबर में भारत से विशेष जत्था वहां जाता है, लेकिन इस बार गृह मंत्रालय ने इसकी अनुमति नहीं दी, जिससे सिख समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं।

सिद्धू ने सवाल उठाया कि जब सुरक्षा कारणों से जत्थे को रोका जा रहा है तो फिर 14 सितंबर को भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच की अनुमति कैसे दी गई। उन्होंने केंद्र सरकार पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि करतारपुर कॉरिडोर खोलना सिख श्रद्धालुओं की धार्मिक आस्था और भावनाओं का सम्मान होगा।

एसजीपीसी जता चुकी है रोष

SGPC अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने केंद्र सरकार के फैसले का विरोध किया। उन्होंने कहा, “यह सिखों की धार्मिक भावनाओं का अपमान है। जब क्रिकेट मैचों के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध बनाए जा सकते हैं, तो श्रद्धालुओं को अपने पवित्र स्थलों पर जाने की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही?” वहीं, गृह मंत्रालय ने एसजीपीसी को अपने पत्र में कहा है कि भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। ऐसे में गुरु नानक देव जी की जयंती के मौके पर श्रद्धालुओं की यात्रा के दौरान सुरक्षा खतरा बढ़ सकता है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि तीर्थयात्रियों को पड़ोसी देश भेजना इस समय उचित नहीं होगा।

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