चंडीगढ़। पंजाब में राज्यसभा की खाली हुई सीट के लिए उपचुनाव 24 अक्टूबर को होगा। निर्वाचन आयोग की तरफ से इस संबंधी नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा के लुधियाना से विधायक चुने जाने के बाद यह सीट खाली हुई थी। उन्होंने विधायक चुने जाने के बाद राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस सीट से अब AAP सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल राज्यसभा जा सकते हैं। हालांकि, वह एक बयान में कह चुके हैं कि वह राज्यसभा नहीं जाएंगे।
पार्टी के प्रवक्ता नील गर्ग का कहना है कि इस सीट पर जो भी जाएगा, वह पंजाब का प्रतिनिधित्व करेगा। उन्होंने कहा कि यह कोई भी हो सकता है- महिला, किसान या कारोबारी। इस बारे में फैसला पार्टी हाईकमान की तरफ से लिया जाएगा।
गोगी की मौत से लुधियाना सीट पर उपचुनाव हुआ
चुनाव आयोग के नोटिफिकेशन के मुताबिक, AAP नेता संजीव अरोड़ा ने 1 जुलाई 2025 को राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया था। लुधियाना पश्चिम से विधायक गुरप्रीत सिंह गोगी की मौत के बाद इसी साल जून में इस सीट पर उपचुनाव हुआ था। इसके लिए पार्टी ने अपने राज्यसभा मेंबर संजीव अरोड़ा को अपना उम्मीदवार बनाया था।
अरोड़ा ने 19 जून को उपचुनाव में 10637 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी। इसके बाद पंजाब सरकार ने उन्हें उद्योग व एनआरआई मंत्री जिम्मेदारी सौंपी।
पंजाब से राज्यसभा में 6 मेंबर
पंजाब से इस समय राज्यसभा से 6 मेंबर हैं। ये सभी AAP के ही नेता हैं। इनमें विक्रमजीत सिंह साहनी, बलबीर सिंह सीचेवाला, राघव चड्ढा, संदीपक पाठक, हरभजन सिंह और अशोक मित्तल शामिल हैं। जबकि, अरोड़ा के इस्तीफे से एक सीट खाली है।
AAP मजबूत स्थिति में
इस चुनाव में AAP अब तक मजबूत स्थिति में है। इस समय पंजाब में 117 विधायकों में से 93 विधायक आम आदमी पार्टी के हैं। वहीं, शिरोमणि अकाली दल (SAD) के तीन, कांग्रेस के 16, भाजपा के दो, बहुजन समाज पार्टी के पास एक और एक आजाद विधायक है।
- मनीष सिसोदिया: AAP में केजरीवाल के इनकार के बाद मनीष सिसोदिया राज्यसभा जा सकते हैं। सिसोदिया इसी साल हुए दिल्ली चुनाव में पार्टी की ओर से डिप्टी CM के उम्मीदवार घोषित थे, लेकिन वह अपनी ही सीट पर हार गए। इस समय वह पार्टी के पंजाब प्रभारी हैं। राघव चड्डा को भी AAP ने तब राज्यसभा भेजा था, जब वह पंजाब के प्रभारी थे।
- सत्येंद्र जैन: दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन भी राज्यसभा जा सकते हैं। वह 2015 से 2023 तक केजरीवाल सरकार में मंत्री रहे। उनकी गिनती केजरीवाल के करीबियों में होती है। सत्येंद्र भी विधानसभा में अपनी सीट पर हार का सामना कर चुके हैं।
- पंजाब का ही कोई नेता संभव: AAP पंजाब के ही किसी नेता को राज्यसभा भेज सकती है। लोकल लेवल पर पार्टी के कई नेताओं को लगता है कि दिल्ली के किसी नेता को राज्यसभा भेजने से पार्टी को पंजाब में नुकसान उठाना पड़ सकता है। विधानसभा चुनाव में अब 2 साल से भी कम समय बाकी है। ऐसे में पार्टी पंजाबी अस्मिता की सियासत का ध्यान रखते हुए किसी लोकल चेहरे पर भी दांव लगा सकती है।



