हरियाणा और पंजाब में डॉग बाइट के मामलों को लेकर हाईकोर्ट की सख्ती : जिलों से डॉग बाइट और नसबंदी की रिपोर्ट मांगी

चंडीगढ़। सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त को सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और स्थानीय निकायों को पशु जन्म नियंत्रण (ABC) नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए पक्षकार बनाने का आदेश दिया था। हरियाणा और पंजाब में डॉग बाइट के मामलों को लेकर हाईकोर्ट ने सुनवाई का दायरा बढ़ा दिया है। पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने दोनों राज्यों के स्थानीय निकायों से जिलों में कुत्तों के काटने की घटनाओं की संख्या और आवारा कुत्तों की नसबंदी व टीकाकरण के लिए की गई कार्रवाई का विवरण मांगा है।

हालांकि, चंडीगढ़ द्वारा शुरू किए गए कुत्तों की नसबंदी कार्यक्रम पर सवाल उठे हैं। यह कार्यक्रम अप्रैल 2015 के आदेश में दिए गए निर्देशों की अवज्ञा करने के आरोपों के बाद हाईकोर्ट के घेरे में आया है। सुनवाई के दौरान पीठ ने स्पष्ट किया कि कार्यक्रम के बावजूद आवारा कुत्तों की संख्या में कई गुना वृद्धि हुई है।

सुप्रीम कोर्ट में होगी अवमानना याचिकाओं की सुनवाई

हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि आवारा कुत्तों के काटने के मामलों से संबंधित 2015 के आदेशों की अवमानना याचिकाएं अब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए भेजी जाएं। यह कदम उस समय उठाया गया जब सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और स्थानीय निकायों को पशु जन्म नियंत्रण (ABC) नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए पक्षकार बनाने का आदेश दिया।

जस्टिस विकास बहल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आगे निर्देश दिया है कि उच्च न्यायालयों में लंबित सभी समान मामलों को समेकित रूप से विचार के लिए सुप्रीम कोर्ट को स्थानांतरित किया जाए। पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के कई नगर निकायों और राज्य सरकारों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों के संयुक्त अनुरोध पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने अवमानना याचिकाओं की फाइलें सुप्रीम कोर्ट भेजने का निर्देश दिया। ये याचिकाएं वकील सौरभ अरोड़ा और कुणाल मालवानी के माध्यम से दायर की गई थीं। इस मामले में पूर्व सांसद, पशु अधिकार कार्यकर्ता और पर्यावरणविद् मेनका गांधी प्रतिवादी थीं, जिनका प्रतिनिधित्व वकील कुणाल डावर ने किया। वहीं हस्तक्षेपकर्ता और पशु कार्यकर्ता सुनयना सिब्बल का प्रतिनिधित्व वकील वीरेन सिब्बल ने किया।

रोज गार्डन से उठा ये मामला

यह मामला सबसे पहले गुरमुख सिंह द्वारा हाईकोर्ट के संज्ञान में लाया गया था। केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के खिलाफ अपनी याचिका में, उन्होंने शहर, खासकर शहर के रोज गार्डन में आवारा कुत्तों के आतंक को लेकर किया था। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि सुबह की सैर के दौरान आवारा कुत्तों ने उनका पीछा किया और इलाके में कुत्तों के काटने के कई मामले सामने आए हैं।

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