जालंधर, 6 अगस्त — श्रीनगर में पंजाब सरकार द्वारा आयोजित एक धार्मिक समारोह में गुरमत मर्यादा के उल्लंघन के मामले में पंजाब के कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस अकाल तख्त साहिब में पेश हुए और अपनी गलती स्वीकार की। अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज्ज ने निर्णय सुनाते हुए बताया कि इस समारोह में गीत, संगीत और नृत्य का आयोजन हुआ था, जो सिख सिद्धांतों के विरुद्ध है। गलती स्वीकार करने के बाद हरजोत सिंह बैंस को तीन ‘अहंकार निवारक’ सज़ाएं दी गईं। इनमें गुरु के महल गुरुद्वारे तक नंगे पैर पैदल जाकर रास्ते की सफाई करना और दिल्ली, बाबा बकाला तथा श्री आनंदपुर साहिब के गुरुद्वारों में सेवा करना शामिल है। विशेष रूप से, श्री आनंदपुर साहिब में उन्हें दो दिनों तक जूते-चप्पल झाड़ने की सेवा करनी होगी और इसके बाद 1100 रुपये की देग बनवाकर क्षमा याचना की अरदास करनी होगी। इसी तरह, जम्मू में आयोजित एक अन्य विवादित धार्मिक कार्यक्रम के आयोजकों को भी अकाल तख्त साहिब ने तलब किया, जिन्होंने माफी मांगी और उन्हें 11 दिनों तक नज़दीकी गुरुद्वारों में जूते-चप्पल झाड़ने, बर्तन धोने और नितनेम की सेवा करने का आदेश दिया गया। भविष्य में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए अकाल तख्त ने स्पष्ट किया है कि सरकारें धार्मिक समारोह केवल सिख संस्थाओं के सहयोग से ही आयोजित करें।


