एजेंसी मालिक दीपक बट्ट ने बताया कि उन्होंने 22 मई 2025 को थाना डिवीजन नंबर 6 में शिकायत दी थी, लेकिन पुलिस ने दो महीनों तक मामले को गंभीरता से नहीं लिया और अब जाकर केस दर्ज किया है।
घटना के पीछे आतंकी संगठनों या गैंगस्टर गिरोह की संलिप्तता की आशंका जताई जा रही है। अब पुलिस मामले की साइबर एंगल से गहराई से जांच कर रही है।
दीपक ने सुबह दफ्तर आकर देखा सिस्टम में थी गड़बड़ी
दीपक बट्ट के अनुसार, जब वे रोजाना की तरह सुबह ऑफिस पहुंचे और सिस्टम लॉगिन किया, तो उन्हें वेबसाइट पर असामान्य गतिविधियां नजर आईं। जांच करने पर पता चला कि रात 9 बजे से सुबह तक, उनकी कंपनी के पोर्टल से लगभग 10 लाख रुपए की टिकटें बुक कर दी गई थीं, जिनमें अधिकतर टिकटें पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका के लिए थीं। ये टिकटें ‘मैक्स वर्ल्ड ट्रैवल बर्थ’ पोर्टल के जरिए बुक की गईं, जो इमिग्रेशन और ट्रैवल संबंधी सेवाएं प्रदान करता है।
आतंकी एंगल की हो सकती है आशंका
दीपक बट्ट ने अपनी शिकायत में यह भी आशंका जताई है कि इस हैकिंग के पीछे आतंकी संगठन या अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी में शामिल गैंग हो सकते हैं। इस तरह की टिकट बुकिंग संभव है कि किसी गैर-कानूनी तरीके से विदेश भेजे जाने वाले लोगों के लिए की गई हो।
दीपक का कहना है कि समय रहते कार्रवाई की जाती तो शायद यात्रियों को फ्लाइट में चढ़ने से पहले ही रोका जा सकता था। मगर पुलिस की धीमी प्रतिक्रिया के कारण अब तक आरोपी पकड़े नहीं गए हैं।
अंदरूनी व्यक्ति की भूमिका पर भी शक
पुलिस जांच में इस बात की संभावना भी जताई जा रही है कि यह काम किसी अंदरूनी व्यक्ति की मिलीभगत से किया गया हो। पोर्टल का पासवर्ड केवल कंपनी मालिक और कुछ चुनिंदा कर्मचारियों के पास ही था। ऐसे में यह आशंका जताई जा रही है कि हैकरों को किसी अंदरूनी व्यक्ति ने पासवर्ड मुहैया कराया, या फिर उन्होंने किसी सॉफ्टवेयर के जरिए सिस्टम में घुसपैठ की। फिलहाल पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच तेज़ कर दी है। हर एंगल से जांच की जा रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे जल्द ही डेटा ट्रेस कर दोषियों तक पहुंचने की कोशिश करेंगे।


