पंजाब-हरियाणा सरकार के बीच चल रहे विवाद में हिमाचल की एंट्री, कांग्रेस का हिमाचल को समर्थन

जालंधर/राजन शारदा

भाखड़ा नहर से पानी के मुद्दे पर पंजाब-हरियाणा सरकार के बीच चल रहे विवाद में हिमाचल की एंट्री पर मुद्दा और तूल पकड़ रहा है। तीनों राज्यों में अलग-अलग सरकारें हैं और तीनों ने अपना अलग-अलग तर्क दिया है। इसे लेकर जालंधर कैंट हलके से विधायक और भारतीय हॉकी टीम के पूर्व खिलाड़ी परगट सिंह ने रिपेरियन कानून के तहत इस विवाद के खत्म होने की सुझाव दिया है।

जालंधर कैंट हलके से कांग्रेस के विधायक परगट सिंह ने कहा कि, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के बीच जल बंटवारे का विवाद पर उन्हें मामले में रिपेरियन कानून के तहत विवाद सुलझाया जाना चाहिए। हमारा मानना ​​है कि पंजाब और हिमाचल दोनों ही रिपेरियन राज्य हैं।

राजस्थान और हरियाणा रिपेरियन नहीं-परगट सिंह

विधायक परगट सिंह बोले- हिमाचल यह नहीं कह सकता कि यह सिर्फ उनका अधिकार है, पंजाब का भी है। हालांकि, मैं मानता हूं कि राजस्थान और हरियाणा रिपेरियन नहीं हैं और उन्हें कोई इसकी इजाजत नहीं देता। लेकिन पंजाब के साथ यह अन्याय हुआ है। राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 की धारा 78, 79, 80 के अनुसार इसकी वजह से पंजाब को नुकसान उठाना पड़ा और पंजाब का पानी राजस्थान और हरियाणा में चला गया।

हिमाचल जो कह रहा है, वह सही है, राजस्थान और हरियाणा के साथ तो उनकी समस्या हो सकती है, लेकिन पंजाब के साथ इसकी कोई गुंजाइश नहीं है। हिमाचल सरकार द्वारा जो स्टैंड रखा गया है, वह बिल्कुल सही है। मगर पंजाब के साथ सरकार धक्का कर रही है।

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