लेकिन हमारी सरकार आने के बाद हमने नशे के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया। चाहे वह कितना भी बड़ा मंत्री हो, अफसर हो या तस्कर—हमने किसी को नहीं बख्शा। सबको पकड़-पकड़ कर जेल में डाला है।
नशा तस्करों आलीशान मकान तोड़े जा रहे- केजरीवाल
उन्होंने कहा- नशा बेचकर जो पैसे से आलीशान मकान बनाए गए थे, उन्हें तोड़ा जा रहा है। यह काला धन जब्त करके बच्चों की शिक्षा और लोगों के इलाज पर खर्च किया जा रहा है। पंजाब में जो नशा बिकता है, उसका बड़ा हिस्सा पाकिस्तान से आता है और वह ड्रोन के जरिए लाया जाता है। ड्रोन सीमा पार से गिराए जाते हैं, और फिर नशा पंजाब तक पहुंचता है।
3 एंटी-ड्रोन सिस्टम लॉन्च किए
आज पंजाब सरकार ने इस पर नकेल कसने के लिए एंटी-ड्रोन सिस्टम तैनात किया है। अब अगर कोई ड्रोन पाकिस्तान से आएगा, तो उसे तुरंत गिरा दिया जाएगा। इससे नशा पंजाब में प्रवेश ही नहीं कर पाएगा। आज हम 3 एंटी-ड्रोन सिस्टम लॉन्च कर रहे हैं। कुल 9 सिस्टम का ऑर्डर दिया गया है, जिनमें से 6 और जल्द आ जाएंगे। अगर जरूरत पड़ी, तो और भी खरीदे जाएंगे।
पंजाब आज देश का एकमात्र राज्य है, जिसके पास अपना एंटी-ड्रोन सिस्टम है। पुरानी सरकारों ने पंजाब को नशे की आग में झोंक दिया था, लेकिन आज का पंजाब उससे लड़ रहा है, और यह जंग हम जीतकर रहेंगे।

सीएम भगवंत मान का अकाली दल पर हमला
सीएम भगवंत मान ने संबोधन करते हुए कहा कि 2009 में पंजाब में नशे के आदी बच्चों की संख्या लगभग 1,000 थी। लेकिन 2015 तक यह संख्या बढ़कर लगभग 20 हजार हो गई। यह किसकी देन है? उन्होंने बिना नाम लिए बिक्रम मजीठिया पर निशाना साधते हुए कहा कि जब मंत्री अपनी गाड़ियों में ‘चिट्टा’ लेकर चलेंगे, जब तस्करों को ‘जिगरी यार’ कहकर घर में बैठाया जाएगा, तो हालात कैसे सुधर सकते हैं?
जब माली ही बेईमान हो जाए तो बाग को कौन बचाएगा? लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। जिसने नशे के पैसों से महल खड़े किए हैं, सरकार वह सब जब्त करेगी और उस धन को जनता की भलाई, बच्चों की पढ़ाई और लोगों के इलाज में लगाएगी। पंजाब लड़ रहा है, पंजाब जीतेगा, और नशा माफिया हारकर रहेगा।
पुलिस को मिलेगी स्पेशल ट्रेनिंग
इसके लिए पुलिसकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसमें इन सिस्टमों के संचालन और फील्ड में इनके प्रभावी उपयोग की बारीकियां शामिल हैं। इस तकनीक के आने से पंजाब को ड्रग्स और हथियारों की तस्करी के खिलाफ एक मजबूत सुरक्षा कवच मिलेगा।
सरकार ने 51.41 करोड़ रुपए की लागत से 9 हाई-टेक एंटी-ड्रोन सिस्टम खरीदे हैं। ये सिस्टम सीमा पार से ड्रोन के जरिए होने वाली तस्करी को रोकने में “गेम-चेंजर” साबित होंगे। इनकी खासियत यह है कि ये न केवल ड्रोन और उसके कंट्रोल स्टेशन की सटीक लोकेशन का पता लगा सकते हैं, बल्कि रीयल-टाइम मैप पर अलर्ट और खतरे की स्वचालित चेतावनी भी जारी कर सकते हैं।
तस्करी के खिलाफ पिछले वर्षों में बड़ी कार्रवाई
पंजाब पुलिस ने हाल के वर्षों में ड्रोन के जरिए होने वाली तस्करी पर कई बड़े प्रहार किए हैं। 2022 से 15 जुलाई 2025 तक 591 ड्रोन बरामद किए गए। जिनसे 932 किलो हेरोइन, 263 पिस्टल, 14 AK-47 राइफल, 66 हैंड ग्रेनेड और 15 किलो RDX बरामद हुआ। इसके अलावा, 22 हजार से अधिक तस्करों को गिरफ्तार किया गया है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, “पंजाब की युवा पीढ़ी को नशे के जाल से बचाने और सीमा सुरक्षा को मजबूत करने में हमारी सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी। यह एंटी-ड्रोन सिस्टम न केवल तस्करी रोकने में मददगार होगा, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ भी हमारी लड़ाई को मजबूती देगा।”
596 सीमावर्ती गांवों में निगरानी नेटवर्क
सीमा क्षेत्रों में सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए पंजाब सरकार ने 596 गांवों में स्थानीय लोगों, रिटायर्ड सैनिकों और पुलिसकर्मियों को जोड़कर एक सशक्त निगरानी नेटवर्क तैयार किया है। डिजिटल मैपिंग, बीट बुक रिकॉर्ड और वॉट्सऐप के जरिए त्वरित सूचना प्रणाली से यह तंत्र और प्रभावी बना है।
बीएसएफ के साथ समन्वय कर पंजाब पुलिस आधुनिक तकनीक, फोरेंसिक जांच और संचार विश्लेषण के जरिए सीमा पर उड़ने वाले हर ड्रोन पर नजर रख रही है। सरकार का मानना है कि इस नई तकनीक के इस्तेमाल से तस्करी के नेटवर्क को जड़ से खत्म करने में बड़ी मदद मिलेगी।


