गुवाहाटी, सितंबर 08: असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने राज्य में आधार कार्ड के नए आवेदकों के लिए नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (NRC) आवेदन की रसीद को अनिवार्य करने का निर्णय लिया है। यह नियम 1 अक्टूबर से लागू होगा, जिसमें विशेष तौर पर चाय बागान क्षेत्रों को छूट दी जाएगी। इस नए नियम का उद्देश्य अवैध घुसपैठ को रोकना और संदिग्ध नागरिकता वाले लोगों की पहचान करना है।
मुख्यमंत्री सरमा ने बताया कि धुबरी जिले में आबादी से अधिक आधार कार्ड जारी किए गए थे, जिससे संदिग्ध व्यक्तियों के पास आधार कार्ड होने की संभावना बढ़ गई है। इसी कारण सरकार ने आधार कार्ड प्राप्त करने के लिए NRC रसीद की आवश्यकता को अनिवार्य कर दिया है। हालांकि, NRC प्रक्रिया के दौरान जिन 9.55 लाख लोगों की बायोमेट्रिक जानकारी लॉक कर दी गई थी, उन्हें इस नियम से छूट दी जाएगी, जिससे वे आधार कार्ड प्राप्त कर सकेंगे।
सरकार ने अवैध घुसपैठ और अप्रवासियों को हटाने के लिए समन्वित कार्रवाइयों की योजना बनाई है। इस योजना के तहत राज्य में निगरानी को बढ़ावा दिया जाएगा, केंद्रीय एजेंसियों के साथ सहयोग किया जाएगा और अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की जाएगी। इसके अलावा, स्थानीय स्तर पर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा ताकि नागरिकों को इस नई प्रक्रिया और अवैध घुसपैठ के खतरों के बारे में जानकारी दी जा सके।
जनवरी 2024 से अब तक, राज्य सरकार ने 54 अवैध प्रवासियों की पहचान की है, जिनमें से 45 को उनके देश वापस भेज दिया गया है और 9 को करीमगंज में गिरफ्तार किया गया है। सरकार की यह सख्त कार्रवाई अवैध प्रवासियों और घुसपैठियों को रोकने के लिए उठाए गए कदमों में से एक है। नई प्रक्रिया के लागू होने के बाद, राज्य में अवैध गतिविधियों पर और भी सख्ती बरती जाएगी।


