हरियाणा में अखिलेश का दांव: सपा की राष्ट्रीय पहचान के लिए कांग्रेस से पांच सीटों की मांग, अकेले चुनाव लड़ने की भी तैयारी”

अखंड केसरी ब्यूरो:-समाजवादी पार्टी (सपा) हरियाणा के आगामी विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आज़माने की तैयारी में है, जिससे वह उत्तर प्रदेश की सीमाओं से बाहर अपनी पहचान को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूती दे सके। सपा के मुखिया अखिलेश यादव, जो यूपी में अपनी मजबूत पकड़ के लिए जाने जाते हैं, हरियाणा में भी अपनी पार्टी का विस्तार करने का मन बना चुके हैं। इसके लिए उन्होंने ‘इंडिया’ गठबंधन का सहारा लेते हुए कांग्रेस से पांच यादव बहुल सीटों की मांग की है। हालांकि, हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने विधानसभा चुनाव में किसी भी प्रकार के गठबंधन से साफ इंकार कर दिया है, जिससे सपा के लिए चुनौती और भी बड़ी हो गई है।

अगर कांग्रेस ने सपा को सीटें नहीं दीं, तो अखिलेश यादव हरियाणा में भी मध्य प्रदेश की तर्ज पर अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय ले सकते हैं। सपा का उद्देश्य हरियाणा के 11 विधानसभा क्षेत्रों में प्रभावशाली अहीर मतदाताओं और 8 से 10 मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में अपनी पकड़ को मजबूत करना है। इसके अलावा, हरियाणा में रहने वाले 15 लाख प्रवासी मतदाताओं में से 12 लाख यूपी के मूल निवासी हैं, जो सपा की चुनावी संभावनाओं को और भी मजबूत कर सकते हैं।

सपा का यह कदम उस रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत पार्टी ने यूपी की 37 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल कर राष्ट्रीय राजनीति में अपनी पकड़ मजबूत की थी। अखिलेश यादव अब इसी रणनीति को हरियाणा में लागू करना चाहते हैं, जिससे पार्टी को क्षेत्रीय से राष्ट्रीय दल का दर्जा दिलाने का उनका सपना साकार हो सके। हालांकि, कांग्रेस नेतृत्व का जवाब आने तक सपा की हरियाणा चुनावी रणनीति अधर में लटकी हुई है, और यह देखना बाकी है कि अखिलेश यादव की इस नई कोशिश को कितनी सफलता मिलती है।

Share This Article
Leave a comment