पेशी के बाद ज्योति को मीडिया की नजरों से बचाने के लिए पुलिस फिल्मी स्टाइल में उसे बाहर ले गई। पुलिस ने पहले काले शीशों वाली स्कॉर्पियो मंगाई। फिर कोर्ट का मेन गेट बंद करा दिया। इसके बाद ज्योति को उसमें बिठाने के बाद पुलिस वहां से रवाना हो गई। इस दौरान किसी अधिकारी ने मीडिया से बात नहीं की। पेशी के वक्त ज्योति से पिता हरीश मल्होत्रा को भी नहीं मिलने दिया गया।
ज्योति 16 मई को गिरफ्तार हुई थी। इसके बाद 5 दिन तक रिमांड पर रहते हुए हिसार पुलिस के अलावा NIA, मिलिट्री इंटेलिजेंस, IB और अन्य खुफिया एजेंसियों ने उससे पूछताछ की है।
NIA सोर्सेज के मुताबिक, पहलगाम आतंकी हमले में ज्योति की भूमिका की जांच की जा रही है। पहलगाम हमले से पहले और उसके बाद वह किन-किन लोगों के संपर्क में रही? किस-किस से बात की? इसे लेकर उसके मोबाइल खंगाले जा रहे हैं।
इसके बाद NIA उसे पहलगाम भी ले जा सकती है। यह शक इसलिए गहराया, क्योंकि पहलगाम हमले से पहले कश्मीर में ज्योति ने उन्हीं जगहों के वीडियो बनाए, जहां सेना की तैनाती या मूवमेंट नहीं थी।
जांच एजेंसी इस बात की पड़ताल कर रही है कि ज्योति ने सिर्फ ट्रैवलिंग के इरादे से वीडियो बनाए या फिर उसमें पाकिस्तानी एजेंट्स के लिए कोई कोड छिपा था। इसके लिए उसके बैंक खातों में कश्मीर टूर के दौरान हुई ट्रांजैक्शन की भी जांच की जा रही है। जांच में ज्योति के 4 बैंक अकाउंट मिले हैं।


