अदालत ने पंजाब और केंद्र से किसान नेता को तुरंत चिकित्सा सहायता मुहैया कराने और उन्हें आमरण अनशन तोड़ने के लिए मनाने को कहा।
नई दिल्ली/न्यूज डेस्क
सुप्रीम कोर्ट ने प्रदर्शन कर रहे किसानों से गांधीवादी तरीका अपनाने की सलाह दी है। साथ ही अस्थायी रूप से विरोध प्रदर्शन स्थगित करने और राजमार्गों से हटने को कहा है। इसके अलावा, शीर्ष अदालत ने पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की बिगड़ती सेहत पर चिंता जताई है। बता दें, डल्लेवाल आमरण अनशन पर हैं।
बल का इस्तेमाल नहीं करने की चेतावनी
अदालत ने पंजाब और केंद्र से किसान नेता को तुरंत चिकित्सा सहायता मुहैया कराने और उन्हें आमरण अनशन तोड़ने के लिए मनाने को कहा। इसके अलावा, सरकार के प्रतिनिधियों से डल्लेवाल से तुरंत मिलने को कहा, लेकिन उनके विरोध को तोड़ने के लिए किसी भी तरह के बल का इस्तेमाल करने के खिलाफ चेतावनी दी।
26 नवंबर से अनशन पर हैं किसान नेता
बता दें, डल्लेवाल फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित आंदोलनकारी किसानों की मांगों के समर्थन में केंद्र पर दबाव बनाने के लिए 26 नवंबर से पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी सीमा पर आमरण अनशन पर हैं।
यह है मामला
संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले हैं। 13 फरवरी को सुरक्षा बलों ने उन्हें दिल्ली की ओर बढ़ने से रोक लिया था। याचिका में आरोप है कि किसानों और उनके संगठनों ने बेमियादी अवधि के लिए पंजाब में समस्त राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया है। याचिकाकर्ता ने यह निर्देश देने का अनुरोध किया था कि आंदोलनकारी किसान राष्ट्रीय राजमार्गों और रेलवे पटरियों को अवरुद्ध नहीं करें। हालांकि, अदालत ने पंजाब में उन राजमार्गों पर अवरोधकों को हटाने के लिए केंद्र व अन्य को निर्देश देने के अनुरोध वाली याचिका खारिज कर दी थी, जहां किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।


