फाजिल्का के एसएसपी वरिंदर सिंह बराड़ पर गाज गिरी: नाबालिग से रिश्वत मांगने के मामले में सस्पेंड

विजिलेंस ब्यूरो की टीम ने एक नाबालिग के जब्त फोन से जुड़े मामले में एक लाख की रिश्वत लेने के आरोप में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन, फाजिल्का के एसएचओ सहित चार पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया था। अब इस मामले में फाजिल्का के एसएसपी पर गाज गिरी है। डीजीपी ने सख्त एक्शन लेते हुए एसएसपी वरिंदर सिंह बराड़ को सस्पेंड कर दिया है। पंजाब पुलिस अधिकारियों को एक संदेश दिया गया है कि करप्शन बर्दाश्त नहीं होगी।

मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति दोहराते हुए कहा था  कि चाहे अधिकारी किसी भी स्तर का हो या मंत्री- विधायक हो, आईएएस/पीसीएस अधिकारी हो, भ्रष्टाचार में लिप्त सभी लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पंजाब में भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं है।

यह मामला तब सामने आया जब एक 17 वर्षीय लड़का दिलराज सिंह के पिता धरमिंदर सिंह ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन, फाजिल्का द्वारा रिश्वत मांगने के सबूत के साथ मुख्यमंत्री से संपर्क किया। साइबर की शिकायत के बाद थाने ने नाबालिग का फोन भी जब्त कर लिया था। परिवार द्वारा मामले को सुलझाने के बार-बार प्रयासों के बावजूद उन्हें मामला निपटाने के लिए रिश्वत देने पर मजबूर किया जा रहा था। सीएम मान खुद इस मामले को मॉनिटर कर रहे हैं।

गिरफ्तार अधिकारियों में एसएचओ, एक रीडर और दो कांस्टेबल शामिल हैं।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों मे इंस्पेक्टर मंजीत सिंह (नंबर 18 एफजेडआर) एसएचओ साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन फाजिल्का, वरिष्ठ कांस्टेबल राजपाल (नंबर एफजेडके/868), रीडर टू एसएचओ, एमएचसी वरिष्ठ कांस्टेबल शिंदर पाल (नंबर 1032), और वरिष्ठ कांस्टेबल सुमित कुमार (नंबर 986/एफजेडके) शामिल हैं।
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