मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी जालंधर में मां बगलामुखी जी के निमित्त श्रृंखलाबद्ध सप्ताहिक दिव्य हवन यज्ञ सम्पन्न.1

मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नजदीक लम्मा पिंड चौक जालंधर में मां बगलामुखी जी के निमित्त श्रृंखलाबद्ध सप्ताहिक दिव्य हवन यज्ञ का आयोजन गुरुवार 24 अक्टूबर को मंदिर परिसर में किया गया। सर्व प्रथम ब्राह्मणों द्वारा मुख्य यजमान भूवन धीर से विधिवत पूजा अर्चना कर नवग्रह पूजन, पंचोपचार पूजन, षोढषोपचार पूजन उपरांत हवन यज्ञ में आहुतियां डलवाई गई। मां बगलामुखीसिद्ध मां बगलामुखी धाम के प्रेरक प्रवक्ता नवजीत भारद्वाज जी ने दिव्य हवन यज्ञ पर उपस्थित मां भक्तों को ईश्वर भक्ति का ब्याख्यान करते हुए कहते है कि वह सत्यस्वरूप परमात्मा एक है, जिसे हम सभी अलग-अलग नामों से पुकारते हैं। उस एक को जानने-पहचानने और उसकी उपासना करने से सभी प्रकार की वासनाएं मिटती हैं और पवित्र भावनाएं प्रकट होती हैं। धरती, जल, अग्नि, वायु और आकाश, हर जगह उसकी सत्ता है। उसकी मर्जी के बगैर एक पत्ता भी नहीं हिलता है। वह कण-कण में समाया है। हमारे भीतर हर पल वह हमारे साथ है। हमारे हृदय मंदिर में यदि परमात्मा के नाम की बयार बहने लगे, तो समझें कि सारा संसार मधुवन वृंदावन हो जाता है। इसलिए प्रभु की सुध-बुध लग जाए, इसके लिए हमें प्रार्थना करनी चाहिए। अपनी पात्रता तैयार करने के लिए आज ही तत्पर हो जाएं। मन, कर्म और वचन से सच्चे बनें। अपनी आत्मा को उस परमात्मा से जोडऩे का प्रयास करें, क्योंकि हम उस एक ईश्वर के ही अंश है।
नवजीत भारद्वाज जी ने कहा कि ध्यान रहे जिसको भी प्रभु का इस दुनिया में सहारा नहीं मिला है, उसे संसार सागर का किनारा भी नहीं मिला है। जो सब सहारों की फिक्र छोडक़र एक प्रभु का सहारा पा लेता है वह सब कुछ साध लेता है। उसकी जीवन नैया सहज ही पार हो जाती हैं। ईश्वर को जानने के पथ पर जो अग्रसर होता है, वह पाप कर्मों से बच जाता है। उसके अंदर का अहंकार मिट जाता है। मिथ्या भावनाएं अनायास ही चली जाती हैं।

नवजीत भारद्वाज जी ने कहा कि ध्यान रहे जो जागता है और जीवन में हर पल सचेत व सजग रहता हैं, उसे ही करुणा के सागर परमपिता का दर्शन होता है। वेदों में भगवान ने स्वयं उद्घोषणा की है कि ऐ मनुष्य! तू हर पल मेरे साथ है, तू मेरे आश्रय में बसा हुआ है, मैं तेरा मित्र हूं। परमात्मा की कृपा मिलते ही लोहे जैसा जीवन भी कंचन बन जाता है। हम इस मायावी संसार में कितना भी घूम लें, भटक लें, शांति तभी मिलेगी जब हम प्रभु की शरण में पहुंचेंगे। कितना ही भोगों को भोग लें, यह भूख मिटने वाली नहीं है। यह मिटेगी मात्र भगवान की भक्ति से। भगवान प्रेम के भूखे हैं, भक्ति के भूखे हैं। जब दुनियादारी के सारे रास्ते बंद हो जाते हैं, रिश्ते-नाते टूट जाते हैं तब भी ईश्वर हमारे साथ ही रहते हैं।
इस अवसर पर श्वेता भारद्वाज ,राकेश प्रभाकर, समीर कपूर, अमरेंद्र कुमार शर्मा, नवदीप, उदय ,अजीत कुमार , नरेंद्र,रोहित भाटिया, अमरेंद्र सिंह,बावा खन्ना, विनोद खन्ना, नवीन जी, प्रदीप, सुधीर, सुमीत,जोगिंदर सिंह, मनीष शर्मा, डॉ गुप्ता,सुक्खा अमनदीप , अवतार सैनी, परमजीत सिंह,ऐडवोकेट राज कुमार,गौरी केतन शर्मा,सौरभ , नरेश,अजय शर्मा,दीपक , किशोर,प्रदीप , प्रवीण,राजू, सोनू छाबड़ा, गुलशन शर्मा,संजीव शर्मा, भाटिया,मुकेश, रजेश महाजन ,अमनदीप शर्मा, गुरप्रीत सिंह, विरेंद्र सिंह, अमन शर्मा, ऐडवोकेट शर्मा,वरुण, नितिश, भोला शर्मा,दीलीप, लवली, लक्की, रोहित , मोहित , विशाल , अश्विनी शर्मा , रवि भल्ला, भोला शर्मा, जगदीश, सुनील जग्गी, नवीन कुमार, निर्मल,अनिल,सागर,दीपक, प्रिंस कुमार, पप्पू ठाकुर, बलदेव सिंह भारी संख्या में भक्तजन मौजूद थे। हवन-यज्ञ उपरांत विशाल लंगर भंडारे का आयोजन किया गया।

 

 

 

 

 

 

 

कौन है मां बगलामुखी 

मां बगलामुखी जी आठवी महाविद्या हैं। इनका प्रकाट्य स्थल गुजरात के सौरापट क्षेत्र में माना जाता है। हल्दी रंग के जल से इनका प्रकट होना बताया जाता है। इसलिए, हल्दी का रंग पीला होने से इन्हें पीताम्बरा देवी भी कहते हैं। इनके कई स्वरूप हैं। इस महाविद्या की उपासना रात्रि काल में करने से विशेष सिद्धि की प्राप्ति होती है। इनके भैरव महाकाल हैं।

मां बगलामुखी स्तंभव शक्ति की अधिष्ठात्री हैं अर्थात यह अपने भक्तों के भय को दूर करके शत्रुओं और उनके बुरी शक्तियों का नाश करती हैं। मां बगलामुखी का एक नाम पीताम्बरा भी है इन्हें पीला रंग अति प्रिय है इसलिए इनके पूजन में पीले रंग की सामग्री का उपयोग सबसे ज्यादा होता है. देवी बगलामुखी का रंग स्वर्ण के समान पीला होता है अत: साधक को माता बगलामुखी की आराधना करते समय पीले वस्त्र ही धारण करना चाहिए।

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