राखी पर पंजाब सरकार का बड़ा तोहफा: बेटियों और बहनों के कल्याण के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की सरकार ने उठाए अहम कदम**

अखंड केसरी ब्यूरो:-पंजाब सरकार, मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में, राज्य के हर वर्ग के विकास के लिए लगातार प्रयासरत है। इसी दिशा में राखी के मौके पर राज्य की बेटियों और बहनों को विशेष उपहार देने की घोषणा की गई है। सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने अमृतसर के आम खास बाग में आयोजित तीज का” मेले में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की और इस अवसर पर महिलाओं के कल्याण और सशक्तिकरण पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए।

डॉ. बलजीत कौर ने अपने संबोधन में मां-बेटी के अटूट रिश्ते को रेखांकित करते हुए कहा कि यह सबसे करीबी और भावनात्मक बंधन होता है। उन्होंने लोकगीतों और बोलियों में भी इस रिश्ते की मिठास और ममता की महक को महसूस करने की बात कही। आज के समय में भ्रूणहत्या और दहेज जैसी कुप्रथाओं से तो काफी हद तक समाज ने मुक्ति पाई है, लेकिन अब विदेश जाने का रिवाज जोर पकड़ रहा है, जिससे माताओं के दिल में अपनी बेटियों के प्रति चिंता बढ़ गई है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सिर्फ माताएं ही अपनी बेटियों को विदेशी धरती पर असुरक्षित और अनाथ होने से बचा सकती हैं।

सरकार की ओर से भ्रूणहत्या जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन बेटियों की प्रगति में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका मां की होती है। डॉ. बलजीत कौर ने गर्व से कहा कि पंजाब की बेटियों ने घर की चारदीवारी से बाहर निकलकर अपने हुनर और मेहनत से न केवल अपना, बल्कि पूरे राज्य का नाम रोशन किया है। यह गर्व का विषय है कि पंजाब के इतिहास में पहली बार आम आदमी पार्टी की सरकार ने राज्य की बेटियों और बहनों के लिए बजट में अधिकतम हिस्सेदारी सुनिश्चित की है।

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि हालांकि बहुत काम हुआ है, फिर भी समाज में बेटियों के जन्म को लेकर किसी भी प्रकार का संदेह नहीं रहना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी को भी सरकारी योजनाओं का लाभ देने में कोई समस्या आ रही हो, तो तुरंत अधिकारियों को सूचित करें ताकि समस्या का त्वरित समाधान किया जा सके। पंजाब सरकार आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और असहाय बच्चों के कल्याण के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।

पंजाब सरकार ने “प्रायोजन और पालन-पोषण देखभाल योजना” के तहत 3,000 से अधिक आवेदन प्राप्त किए हैं, जिनमें से 1,704 बच्चों की वित्तीय सहायता के लिए इस वित्तीय वर्ष में 7.91 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। योजना का उद्देश्य 31 मार्च 2025 तक 7,000 बच्चों को कवर करना है।

डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि सरकार द्वारा 1971 के पंजाब भिखारी अधिनियम में संशोधन की योजना भी है, जिससे माता-पिता को बच्चों से भीख मंगवाने के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकेगा। इसके अलावा, सरकार ने 1028 हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है, जिस पर कोई भी व्यक्ति यदि किसी असहाय, बाल श्रमिक या भीख मांगने वाले बच्चे को देखे, तो उसकी सूचना दे सकता है। सूचना मिलने पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।

इस प्रकार, पंजाब सरकार अपने सभी नागरिकों के कल्याण के लिए निरंतर प्रयत्नशील है और राज्य के विकास के लिए अनेक योजनाओं और पहलों को साकार कर रही है।

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