सुखबीर सिंह बादल एक बार फिर शिरोमणि अकाली दल के बने प्रधान

सुखबीर सिंह बादल एक बार फिर शिरोमणि अकाली दल (SAD) के प्रधान बन गए हैं। अमृतसर में गोल्डन टेंपल परिसर में बने तेजा सिंह समुद्री हॉल में पार्टी की बैठक में सर्वसम्मति के साथ इसका फैसला लिया गया। कार्यकारी प्रधान बलविंदर सिंह भूंदड़ ने इस दौरान उनके नाम को प्रपोज किया।

इस चुनाव के लिए बादल के खिलाफ किसी ने भी अपना नाम प्रपोज नहीं किया। इसके बाद सर्वसम्मति के साथ सुखबीर बादल को प्रधान चुन लिया गया। अकाली नेता और इन चुनावों के लिए चुने गए रिटर्निंग ऑफिसर गुलजार सिंह रणिके ने बैठक के बीच बादल के नाम पर मोहर लगा दी।

बादल ने करीब 5 महीने पहले SAD प्रमुख के पद से इस्तीफा दिया था, क्योंकि उन्हें तनखैया घोषित किया गया था। इस दौरान गोल्डन टेंपल में सजा भुगतते हुए उन पर गोली भी चलाने की कोशिश की गई थी, लेकिन वह बच गए थे।

सबसे बड़ी चुनौती: धार्मिक विवाद और सियासी उथल-पुथल के बीच वापसी

सुखबीर बादल ने 16 नवंबर 2024 को पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। तब उन्हें अकाल तख्त द्वारा ‘तनखैया’ (धार्मिक दोषी) घोषित किया गया था। 2 दिसंबर 2025 को अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सुखबीर समेत पूरी मौजूदा पार्टी नेतृत्व को “पार्टी चलाने के अयोग्य” बताया था।

इसके बाद, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने ज्ञानी रघबीर सिंह को उनके पद से हटा दिया और उनकी जगह जत्थेदार कुलदीप सिंह गड़गज को नियुक्त किया।

SAD प्रवक्ता दलजीत सिंह चीमा पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि पार्टी नेतृत्व पहले ही अकाल तख्त के निर्देशानुसार धार्मिक दंड भुगत चुका है। जब कोई धार्मिक सजा भुगत लेता है, तो वह पवित्र हो जाता है और पुरानी बातों को समाप्त माना जाता है।

अकाली दल के सीनियर नेताओं का मानना है कि अकाल तख्त का निर्देश अब भी प्रभावी है। अकाल तख्त ने स्पष्ट रूप से कहा था कि पार्टी को नया नेता चुनना चाहिए, क्योंकि मौजूदा नेतृत्व अयोग्य है।

Share This Article
Leave a comment