…जैसे पूछ रहे हों ‘पापा, आप वापस कब आओगे’
सुरेंद्र कुमार वे वायु सेना में मेडिकल असिस्टेंट सार्जेंट के रूप तैनात थे। शहादत की खबर मिलते ही गांव में शोक की लहर दौड़ गई। पत्नी सीमा बेसुध होकर गिर पड़ी, जिन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया। होश में आने पर सीमा ने कहा कि मुझे पति की शहादत पर गर्व है, बेटे को भी सेना में भेजना चाहती हूं। उधर शहीद के मासूमों की खामोशी ने सबकी आंखें नम कर दीं, नन्ही वृत्तिका और दक्ष अपने पापा की तस्वीर को बस निहारते रहे, जैसे पूछ रहे हों ‘पापा, आप वापस कब आओगे’।
कुछ दिन पहले गृहप्रवेश में आए थे…
सुरेन्द्र कुमार पिछले 14 वर्षों से भारतीय सेना में सेवाएं दे रहे थे। कुछ ही दिन पहले वह गांव में नव-निर्मित घर के गृह प्रवेश में शामिल हुए थे और 15 अप्रेल को ही परिवार संग ड्यूटी पर लौटे थे। पत्नी सीमा गृहणी है। उनके 11 वर्षीय पुत्री वृत्तिका व 7 वर्षीय पुत्र दक्ष है। सुरेंद्र के पिता शिशुपाल मोगा भी पैरा मिल्ट्री फोर्स में सेवा दे चुके थे। उनका 4 वर्ष देहांत हो चुका है। घर में मां नानू देवी रहती हैं। सुरेंद्र अपने माता पिता के अकेले पुत्र थे, उनकी 3 बड़ी बहिनें हैं।
साथी ने फोन पर कहा…सुरेन्द्र इज नो मोर!
सीमा के पिता पूर्व सैनिक रामनिवास मील को पूर्व सैनिकों के व्हाट्सएप ग्रुप पर शनिवार सुबह करीब साढ़े छह बजे मैसेज दिखा जिसमें अंग्रेजी में लिखा था ‘एज पर रिपोर्ट उद्यमपुर ओल्ड एटीसी बिल्डिंग एंड एसएनसीओ मेस हेज बीन हिट।’ पिता ने बताया तो सीमा ने पति को फोन लगाया लेकिन फोन नो रिप्लाई आया। बार-बार फोन किया तो सुरेंद्र के एक साथी ने फोन उठाया और कहा कि सुरेंद्र इज नो मोर…। इतना सुनते ही सीमा जोर से चिल्लाई और बेसुध होकर गिर पड़ी, इस पर उसे नवलगढ़ जिला अस्पताल लेकर ले जाया गया, जहां उपचार के बाद वापस घर भेज दिया।
ग्रुप कैप्टन बोले … आज मैंने सच्चा हीरा खो दिया
सीमा के पिता रामनिवास को जब सुरेन्द्र के शहीद होने की जानकारी मिली, उन्होंने ग्रुप कैप्टेन को फोन लगाया। इस पर सामने से जवाब मिला कि आज मैंने मेरा सच्चा हीरा खो दिया।
पत्नी-बच्चे 3 दिन पहले गांव भेजे
सीमा ने बताया कि उधमपुर में हालात बिगड़ने पर पति सुरेंद्र कुमार मोगा ने गुरुवार शाम को ही उन्हें ट्रेन से रवाना कर दिया। वहां के हालात देख कर उसका यहां आने का मन नहीं था लेकिन पति सुरेन्द्र ने बच्चों का हवाला देकर उसे भेज दिया।


