मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने कहा- अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट में दो मशीनें और चार बैकअप सोर्स हैं, जो प्रेशर कम होने पर सप्लाई बनाए रखने के लिए हैं। बावजूद इसके प्रबंधन की खामियों के कारण हादसा हुआ। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले ही अस्पताल को बिजली का हॉटलाइन कनेक्शन और पावर बैकअप के लिए फंड उपलब्ध करवा दिए थे, फिर भी ऐसी घटना होना असहनीय है।
तीन अधिकारी किए गए सस्पेंड, जांच जारी
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा- प्रारंभिक जांच में बड़ी लापरवाही सामने आई है। उन्होंने मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. राज कुमार, एसएमओ डॉ. सुरजीत सिंह और एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. सोनाक्षी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
डॉ. बलबीर सिंह ने कहा- टेक्निकल टीम और डिप्टी डायरेक्टर की रिपोर्ट के आधार पर यदि दोष साबित हुआ तो इन्हें सेवा से बर्खास्त भी किया जाएगा। तीनों ने अगर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया तो उन्हें अपनी सारी जिंदगी के लिए नौकरी से निकाल दिया जाएगा। मौजूदा हाउस सर्जन डॉक्टर शमिंदर सिंह को सीधे तौर पर बर्खास्त किया गया है।
उन्होंने बताया कि अस्पताल में पर्याप्त स्टाफ मौजूद था। 49 इंटरनल मेडिकल अधिकारी, 46 ट्रेनी डॉक्टर, 14 हाउस सर्जन और 17 मेडिकल अधिकारी इसके बावजूद यह घटना होना बेहद चिंताजनक है। मंत्री बलबीर सिंह ने कहा- अभी तक जांच में पता चला है कि सिर्फ इन अधिकारियों की गैर जिम्मेदाराना व्यवहार के कारण तीनों की जांच गई है। इसलिए ये कार्रवाई की गई है।



